Friday, 12 April 2013

मेरे बच्चों के sex एजुकेशन

मेरा  नाम सविता है पर सारी  दुनिया मुझे सवी  के नाम से ही जानती है .मैं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में मेनेजर हूँ .मेरी कहानी आज से अट्ठारह साल पहले शुरू हुई थी . हमारी नयी नयी शादी हुई थी . मेरे पति बैंक में क्लर्क थे और मैं हाउसवाइफ .पर शादी के तीन महीने बाद ही एक दुर्घटना में मेरे पति की मृत्यु हो गयी .मेरे ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पडा . घर से भाग के शादी की थी .घर वापस जा नहीं सकती थी .सो वहीं कलकत्ते में ही रह गयी . पति की मौत के बाद बैंक से काफी पैसे मिले , बीमे के और बाकी अलग अलग फंड्स के . बाकी कोई समस्या तो नहीं थी पर अकेलापन काटता था. अगले महीने पता लगा मैं प्रेग्नेंट थी . मुझे ये सोच के खुशी हुई की पति की निशानी थी मेरी कोख में . अगले महीने ही मैं बैंक के GM से मिली . पति की जगह मुझे अनुकम्पा नियुक्ति दी जानी थी . लोगों ने मुझे बताया था की बहुत एडियाँ घिसनी पड़ती हैं अनुकम्पा नियुक्ति के लिए . GM भला आदमी था . मेरा काम तीन हफ्ते में ही हो गया . और मुझे हेड ऑफिस में ही पोस्टिंग भी मिल गयी . स्टाफ बहुत अच्छा था . पर लड़के मुझे अजीब से नज़रों से देखते थे और महिला स्टाफ मुझे देख के एक michevious सी smile देती थी . कुछ दिन तो मुझे समझ ही न आया . पर फिर पता चला की सार स्टाफ मुझे GM का माल समझ रहा था . फिर मुझे पता चला की कैसे मेरा काम सिर्फ तीन हफ्ते में हो गया था . एक सीनियर महिला ने मुझे बताया की तुम जैसी बला की खूबसूरत लडकी का काम तो तीन दिन में हो जाना चाहिए था.
                                  मैं धीरे धीरे नए माहौल में ढल रही थी . स्टाफ की सहानुभूति थी ही मेरे साथ .एक शाम GM  ने मुझे शाम को एक ज़रूरी मीटिंग के लिए रोक लिया . देर शाम मीटिंग ? लडकिया मुस्कुराने लगी . मैं उसके चैम्बर में घुसी और फिर जो हुआ उसका नतीजा ये निकला की बॉस की  विग एक झन्नाटे दार झापड़ लगते ही टेबल पर पडी थी . और अगली सुबह मेरी टेबल पे मेरा ट्रान्सफर लैटर पडा था . स्टाफ मंद मंद मुस्कुरा रहा था .
                                    ट्रान्सफर भी किया तो 24 परगना जिले में , सुंदरबन के निर्जन द्वीप की एक रूरल ब्रांच में , जहां सिर्फ मछुआरे रहते थे और उनके लिए बैंक ने एक छोटी सी ब्रांच खोल रखी थी .उस द्वीप पे अगल बगल के द्वीपों से कुछ लोग आते थे बैंक में . बाकी हम लोग एक छोटी मोटर बोट में दूर दराज़ के द्वीपों को मोबाइल बैंकिंग की सुविधा देते थे . नाव किनारे लग जाती . लोग आते और पैसे निकालते जमा करते .फिर हम अगले द्वीप पे चल पड़ते . जल्दी ही मुझे ये जीवन रास आ गया . वहीं बैंक के पिछवाड़े एक सुन्दर सी कॉटेज में मेरा निवास था . वहीं मैंने एक लोकल दाई की मदद से अपने जुडवा बच्चों को जनम दिया और खुद ही पढ़ा लिखा के बड़ा किया . अवि और कवि , यानी अविनाश और कविता। आज दोनों 1 8  साल के हो गए .यहाँ से शुरू होती है कहानी .
                                         अवि कुछ परेशान सा था कुछ दिनों से . मैंने पूछा पर उसने कुछ बताया नहीं . फिर उस दिन मैंने उसे रोते हुए देखा . मैं परेशान थी . आखिर हुआ क्या . बोला मेरी पर्सनल प्रॉब्लम है . मैंने उस से कहा के बेटा , मुझे बताओ तो सही , आखिर माँ हूँ मैं तुम्हारी .वो कुछ नहीं बोला पर पीछे से कवी बोल पड़ी . अरे इसकी सूसू में दर्द होता है . और अवि शर्मा गया .कैसा दर्द ? कब से ? बोल कई महीनों से हो रहा है . कई बार रात को सोते में पेशाब भी निकल जाता है .अब मैं परेशान हो गयी थी . मैं अवि को दुसरे कमरे में ले गयी .कवी भी पीछे आ गयी . नहीं कवी तुम बाहर जाओ .मुझे अवि से अकेले में बात करने दो . अवि ने बताया की अक्सर उसका penis बहुत हार्ड हो जाता है . फिर उसमे दर्द होने लगता है . फिर रात में सोए सोए ही पेशाब निकल जाता है .
                                      ओह्ह तो ये प्रॉब्लम थी . मैं कमरे से बाहर आ गयी .बाहर कवी उत्सुकता से मेरी वेट कर रही थी . क्या हुआ ? क्या प्रॉब्लम है ? मैंने  उस से कहा कोई प्रॉब्लम नहीं . जवान लड़के को जो प्रॉब्लम होती है वही प्रॉब्लम है . कौन सी प्रॉब्लम . उसने पूछा . अब मुझे समझ आया की प्रॉब्लम क्या थी . उस निर्जन टापू पे अकेले मेरे साथ रह के ये दोनों एकदम अनाड़ी थे . स्कूल कभी गए नहीं थे . सो सीखते किस से .सारी एडुकेशन तो मैंने दी थी , घर पे .मैं समझ गयी की मुझे ही पढ़ाना पडेगा . मैंने उन्हे बायोलॉजी और सेक्स एजुकेशन के कुछ बेसिक टिप्स देने का फैसला किया . ओके अवि और कवी , ममा आज शाम को आप दोनों को बायोलॉजी के कुछ टिप्स देगी .
                               शाम हुई . फिर रात भी हो गयी . हम सबने डिनर किया . वो दोनों exited थे और मैं कन्फ्यूज्ड . क्या बताऊँ, कैसे बताऊँ ? कितना बताऊँ ? यही सोच रही थी . दोनों मेरे पास आ के बैठ गए . मैंने बात शुरू की . देखो अब तुम दोनों बड़े हो गए हो . तुम्हारी bodies भी बड़ी हो गयी हैं .yes mom , जैसे मेरे बूब्स देखो , कितने बड़े हो गए हैं। तो जैसे तुम्हारे बूब्स बड़े हुए हैं न वैसे ही अवि का पेनिस भी बड़ा हो गया है . no mom , अवि का penis तो अब भी बहुत छोटा है .नहीं कवी पेनिस वैसे छोटा ही होता है .जब वो एक्साइट होता है तब जा के बड़ा होता है . अब कवी कंफ्यूज हो गयी . उसकी कुछ समझ में नहीं आया . MOM , आप हमेशा कहती हैं एजुकेशन प्रैक्टिकल होनी चाहिए .लेट्स बी practical. कवी ने भी हाँ में हाँ मिलाई . Ok  , पर एक शर्त है . ये सेक्स एजुकेशन की क्लास हमेशा मेरे supervision में और मेरे सामने ही लगेगी . और जितना मैं बताउंगी सिर्फ उतना  ही करना है . agree ? yesssssss . दोनों बोल पड़े .
                             कवी सामने बैठी थी . उसने एक ढीला ढाला सा टॉप और एक लम्बी सी स्कर्ट पहनी हुई थी . देखो अवि कवी के बूब्स देखो .पहले एकदम छोटे थे न ? बल्कि पहले तो थे ही नहीं .फिर धीरे धीरे बड़े हो गए . ये देखो . फील करो . अवि ने धीरे धीरे कवी के बूब्स को हाथ लगाया . कवी एकदम से सिहर उठी .देखो अब कवी excite हो रही है . excitement के मारे कवी का  बुरा हाल  था . अवि भी exite हो गया था . mama , कवी के बूब्स दिखाइये . अवि ये मैं कैसे कर सकती हूँ।ये कवी की प्रॉपर्टी है .ये उसका decision है . दिखाए या न दिखाए . प्लीज दीदी दिखाओ ना , प्लीज . नो सॉरी , नो चांस . दीदी प्लीज प्लीज .एक बार दिखा दो .mama please इससे कहो न दिखा दे . ओके कवी , दिखा दो , पर एक शर्त है , छूना मना है . छूने से मुझे कुछ कुछ होता है . ओके प्रॉमिस , टच नहीं करूँगा .
                                        कवी धीरे से बेड पे लेट गयी . अवि एकदम नज़दीक आ गया . मैंने धीरे धीरे कवी का टॉप उठाया .पतली दुबली कवी का पेट बहुत सुन्दर था . अवि से ज्यादा मैं खुद एक्साइट हो रही थी . सच पूछो तो मैं खुद कवी के बड़े बड़े सुन्दर बूब्स देखना चाहती थी .कवी ने वो pink color  की ब्रा पहन राखी थी .फिर मैंने उसका टॉप पूरा ऊपर उठा दिया . उसके बूब्स उस ब्रा के नीचे छुपे हुए थे . मैंने उन्हें सहलाना शुरू कर दिया . कवी की सांस तेज़ तेज़ चल रही थी . कवी ने हल्की सी करवट ली और मैंने उसके हुक खोल दिए . और ब्रा उसके सुन्दर बूब्स के ऊपर उठा दी . सामने मेरी खूबसूरत बेटी बिना ब्रा के लेटी  थी .और मैं उसके सुन्दर बूब्स सहला रही थी . अवि ध्यान से देख रहा था . मैंने उसका हाथ पकड़ा और कवी के बूब्स पे रख दीया .अपनी दीदी के बूब्स सहलाओ . excitement के मारे कवी का बुरा हाल था . वो हांफ रही थी . मैंने उसके छोटे छोटे पिंक निप्प्लेस को उँगलियों से सहलाना शुरू किया , और न जाने कब चूसना शुरू कर दिया . मैं कवी के बूब्स suck कर रही थी . और कवी ने अवि का मुह अपने दुसरे पे खींच लिया . suck अवि suck . दीदी के बूब्स suck करो . हम दोनों के मुह में कवी का एक एक निप्पल था . कवी हांफ रही थी . ओह्ह्ह ......आआह .....ohhhhh yesssss .....suck my boobs . और फिर कवी एकदम से अकड़ गयी ....उसका पूरा शरीर मानो कांप रहा था ....और फिर वो झड़ने लगी . she  had her first orgasm . अवि ध्यान से देख रहा था . कवी धीरे धीरे सामान्य हुई . थैंक्स mom , थैंक्स अवि.
                                          
                                                                                                     Continued .........

                                   





















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